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28 उन देवमूर्तियों को आने और तुमको बचाने दो!
    वे देवमूर्तियाँ कहाँ हैं जिसे तुमने अपने लिये बनाया है हमें देखने दो,
क्या वे मूर्तियाँ आती हैं और तुम्हारी रक्षा विपत्ति से करती हैं
    यहूदा के लोगों, तुम लोगों के पास उतनी मूर्तियाँ हैं जितने नगर।

29 “तुम मुझसे विवाद क्यों करते हो
    तुम सभी मेरे विरुद्ध हो गए हो।”
    यह सन्देश यहोवा का था।
30 “यहूदा के लोगों, मैंने तुम्हारे लोगों को दण्ड दिया,
    किन्तु इसका कोई परिणाम न निकला।
तुम तब लौट कर नहीं आए जब दण्डित किये गये।
    तुमने उन नबियों को तलवार के घाट उतारा जो तुम्हारे पास आए।
तुम खूंखार सिंह की तरह थे
    और तुमने नबियों को मार डाला।”

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