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32 क्या कोई युवती अपने आभूषण भूलती है नहीं।
    क्या कोई दुल्हन अपने श्रृंगार के लिए अपना टुपट्टा भूल जाती है नहीं।
किन्तु मेरे लोग मुझे अनगिनत दिनों से भूल गए हैं।

33 “यहूदा, तुम सचमुच प्रेमियों (झूठे देवताओं) के पीछे पड़ना जानते हो।
    अत: तुमने पाप करना स्वयं ही सीख लिया है।
34 तुम्हारे हाथ खून से रंगे हैं! यह गरीब और भोले लोगों का खून है।
    तुमने लोगों को मारा और वे लोग ऐसे चोर भी नहीं थे जिन्हें तुमने पकड़ा हो!
तुम वे बुरे काम करते हो!

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