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34 तुम्हारे हाथ खून से रंगे हैं! यह गरीब और भोले लोगों का खून है।
    तुमने लोगों को मारा और वे लोग ऐसे चोर भी नहीं थे जिन्हें तुमने पकड़ा हो!
तुम वे बुरे काम करते हो!
35 किन्तु तुम फिर कहते रहते हो, ‘हम निरपराध हैं।
    परमेश्वर मुझ पर क्रोधित नहीं है।’
अत: मैं तुम्हें झूठ बोलने वाला अपराधी होने का भी निर्णय दूँगा।
    क्यों क्योंकि तुम कहते हो, “मैंने कुछ भी बुरा नहीं किया है।”
36 तुम्हारे लिये इरादे को बदलना बहुत आसान हैं।
    अश्शूर ने तुम्हें हताश किया! अत: तुमने अश्शूर को छोड़ा और सहायता के लिये मिस्र पहुँचे।
मिस्र तुम्हें हताश करेगा।

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