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14 मैंने एक सन्देश यहोवा से सुना।
    यहोवा ने राष्ट्रों को सन्देश भेजा।
सन्देश यह है:
    “अपनी सेनाओं को एक साथ एकत्रित करो!
युद्ध के लिये तैयार हो जाओ।
    एदोम राष्ट्र के विरुद्ध कुच करो।
15 एदोम, मैं तुम्हें महत्वहीन बनाऊँगा।
    हर एक व्यक्ति तुमसे घृणा करेगा।
16 एदोम, तुमने अन्य राष्ट्रों को आतंकित किया है।
    अत: तुमने समझा कि तुम महत्वपूर्ण हो।
किन्तु तुम मूर्ख बनाए गए थे।
    तुम्हारे घमण्ड ने तुझे धोखा दिया है।
एदोम, तुम ऊँचे पहाड़ियों पर बसे हो, तुम बड़ी चट्टानों और पहाड़ियों के स्थानों पर सुरक्षित हो।
    किन्तु यदि तुम अपना निवास उकाब के घोंसले की ऊँचाई पर ही क्यों न बनाओ, तो भी मैं तुझे पा लूँगा
और मैं वहाँ से नीचे ले आऊँगा।”
    यहोवा ने यह सब कहा।

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