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28 जिन पापों को उन्होंने किया है उन्ही से वे बड़े और मोटे हुए हैं।
    जिन बुरे कामों को वे करते हैं उनका कोई अन्त नहीं।
वे अनाथ बच्चों के मामले के पक्ष में बहस नहीं करेंगे, वे अनाथों की सहायता नहीं करेंगे।
    वे गरीब लोगों को उचित न्याय नहीं पानें देंगे।
29 क्या मुझे इन कामों के करने के कारण यहूदा को दण्ड देना चाहिये?
यह सन्देश यहोवा का है।
तुम जानते हो कि मुझे ऐसे राष्ट्र को दण्ड देना चाहिये।
    मुझे उन्हें वह दण्ड देना चाहिए जो उन्हें मिलना चाहिए।”

30 यहोवा कहता है, “यहूदा देश में एक भयानक और दिल दहलाने वाली घटना घट रही है।
    जो हुआ है वह यह है कि:

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