Add parallel Print Page Options

28 मेरे लोग मेरे विरुद्ध हो गए हैं,
    और वे बहुत हठी हैं।
    वे लोगों के बारे में बुरी बातें कहते घूमते हैं।
वे उस काँसे और लोहे की तरह हैं जो चकमहीन
    और जंग खाये हैं।
29 वे उस श्रमिक की तरह हैं जिसने चाँदी को शुद्ध करने की कोशिश की।
उसकी धोकनी तेज चली, आग भी तेज जली,
    किन्तु आग से केवल रांगा निकला।
यह समय की बरबादी थी जो शुद्ध चाँदी बनाने का प्रयत्न किया गया।
    ठीक इसी प्रकार मेरे लोगों से बुराई दूर नहीं की जा सकी।
30 मेरे लोग ‘खोटी चाँदी’ कहे जायेंगे।
    उनको यह नाम मिलेगा क्योंकि यहोवा ने उन्हें स्वीकार नहीं किया।”

Read full chapter