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19 किन्तु मैं वह नहीं हूँ जिसे यहूदा के लोग सचमुच चोट पहुँचा रहे हैं।” यह सन्देश यहोवा का है। “वे केवल अपने को ही चोट पहुँचा रहे हैं। वे अपने को लज्जा का पात्र बना रहे हैं।”

20 अत: यहोवा यह कहता है: “मैं अपना क्रोध इस स्थान के विरुद्ध प्रकट करुँगा। मैं लोगों तथा जानवरों को दण्ड दूँगा। मैं खेत में पेड़ों और उस भूमि में उगनेवाली फसलों को दण्ड दूँगा। मेरा क्रोध प्रचण्ड अग्नि सा होगा और कोई व्यक्ति उसे रोक नहीं सकेगा।”

यहोवा बलि की अपेक्षा, अपनी आज्ञा का पालन अधिक चाहता है

21 इस्राएल का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है, “जाओ और जितनी भी होमबलि और बलि चाहो, भेंट करो। उन बलियों के माँस स्वयं खाओ।

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