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26 किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी अनसुनी की। उन्होंने मुझ पर ध्यान नहीं दिया। वे बहुत हठी रहे, और उन्होंने अपने पूर्वजों से भी बढ़कर बुराईयाँ कीं।

27 “यिर्मयाह, तुम यहूदा के लोगों से ये बातें कहोगे। किन्तु वे तुम्हारी एक न सुनेंगे। तुम उनसे बातें करोगे किन्तु वे तुम्हें जवाब भी नहीं देंगे। 28 इसलिये तुम्हें उनसे ये बातें कहनी चाहियें: यह वह राष्ट्र है जिसने यहोवा अपने परमेश्वर की आज्ञा का पालन नहीं किया। इन लोगों ने परमेश्वर की शिक्षाओं को अनसुनी किया। ये लोग सच्ची शिक्षा नहीं जानते।

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