Add parallel Print Page Options

31 यहूदा के उन लोगों ने बेन—हिन्नोम घाटी में तोपेत के उच्च स्थान बनाए हैं। उन स्थानों पर लोग अपने पुत्र—पुत्रियों को मार डालते थे, वे उन्हें बलि के रूप में जला देते थे। यह ऐसा है जिसके लिये मैंने कभी आदेश नहीं दिया। इस प्रकार की बात कभी मेरे मन में आई ही नहीं! 32 अत: मैं तुम्हें चेतावनी देता हूँ। वे दिन आ रहे हैं।” यह सन्देश यहोवा का है, “जब लोग इस स्थान को तोपेत या बेन—हिन्नोम की घाटी फिर नहीं कहेंगे। नहीं, वे इसे हत्याघाटी कहेंगे। वे इसे यह नाम इसलिये देंगे कि वे तोपेत में इतने व्यक्तियों को दफनायेंगे कि उनके लिये किसी अन्य को दफनाने की जगह नहीं बचेगी। 33 तब लोगों के शव जमीन के ऊपर पड़े रहेंगे और आकाश के पक्षियों के भोजन होंगे। उन लोगों के शरीर को जंगली जानवर खायेंगे। वहाँ उन पक्षियों और जानवरों को भगाने के लिये कोई व्यक्ति जीवित नहीं बचेगा।

Read full chapter