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17 सर्वशक्तिमान यहोवा जो कहता है, वह यह है:
    “अब इन सबके बारे में सोचो।
अन्त्येष्टि के समय भाड़े पर रोने वाली स्त्रियों को बुलाओ।
    उन स्त्रियों को बुलाओ जो विलाप करने में चतुर हों।”
18 लोग कहते हैं,
    “उन स्त्रियों को जल्दी से आने और हमारे लिये रोने दो,
तब हमारी आँखे आँसू से भरेंगी
    और पानी की धारा हमारी आँखों से फूट पड़ेगी।”
19 “जोर से रोने की आवाजें सिय्योन से सुनी जा रही हैं।
    ‘हम सचमुच बरबाद हो गए। हम सचमुच लज्जित हैं।
हमें अपने देश को छोड़ देना चाहिये,
    क्योंकि हमारे घर नष्ट और बरबाद हो गये हैं।
हमारे घर अब केवल पत्थरों के ढेर हो गये हैं।’”

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