Add parallel Print Page Options

यहूदा के लोगों की जीभ तेज बाणों की तरह हैं।
    उनके मुँह से झूठ बरसता है।
हर एक व्यक्ति अपने पड़ोसी से अच्छा बोलता है।
    किन्तु वह छिपे अपने पड़ोसी पर आक्रमण करने की योजना बनाता है।
क्या मुझे यहूदा के लोगों को इन कामों के करने के लिये दण्ड नहीं देना चाहिए”
    यह सन्देश यहोवा का है।
“तुम जानते हो कि मुझे इस प्रकार के लोगों को दण्ड देना चाहिए।
    मैं उनको वह दण्ड दूँगा जिसके वे पात्र हैं।”
10 मैं (यिर्मयाह) पर्वतों के लिये फूट फूट कर रोऊँगा।
    मैं खाली खेतों के लिये शोकगीत गाऊँगा।
क्यों क्योंकि जीवित वस्तुएँ छीन ली गई।
    कोई व्यक्ति वहाँ यात्रा नहीं करता।
उन स्थान पर पशु ध्वनि नहीं सुनाई पड़ सकती।
    पक्षी उड़ गए हैं और जानवर चले गए हैं।

Read full chapter