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क्या मुझे यहूदा के लोगों को इन कामों के करने के लिये दण्ड नहीं देना चाहिए”
    यह सन्देश यहोवा का है।
“तुम जानते हो कि मुझे इस प्रकार के लोगों को दण्ड देना चाहिए।
    मैं उनको वह दण्ड दूँगा जिसके वे पात्र हैं।”
10 मैं (यिर्मयाह) पर्वतों के लिये फूट फूट कर रोऊँगा।
    मैं खाली खेतों के लिये शोकगीत गाऊँगा।
क्यों क्योंकि जीवित वस्तुएँ छीन ली गई।
    कोई व्यक्ति वहाँ यात्रा नहीं करता।
उन स्थान पर पशु ध्वनि नहीं सुनाई पड़ सकती।
    पक्षी उड़ गए हैं और जानवर चले गए हैं।
11 “मैं (यहोवा) यरूशलेम नगर को कूड़े का ढेर बना दूँगा।
    यह गीदड़ों की माँदे बनेगा।
मैं यहूदा देश के नगरों को नष्ट करूँगा अत: वहाँ कोई भी नहीं रहेगा।”

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