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वे घोड़े की तरह दिखते हैं और ऐसे दौड़ते हैं
    जैसे युद्ध के घोड़े हों।
उन पर कान दो।
    वह नाद ऐसा है
जैसे पहाड़ पर चढ़ते रथों का घर्र—घर्र नाद हो।
    वह नाद ऐसा है
जैसे भूसे को चटपटाती हुई
    लपटें जला रही हों।
वे लोग शक्तिशाली हैं।
    वे युद्ध को तत्पर हैं।
इस सेना के आगे लोग भय से काँपते हैं।
    उनके मुख डर से पीले पड़ जाते हैं।

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