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21 इस पर मसीह येशु ने दोबारा उनसे कहा, “तुममें शान्ति बनी रहे. जिस प्रकार पिता ने मुझे भेजा है, मैं भी तुम्हें भेजता हूँ” 22 तब उन्होंने उन पर फूंका और उनसे कहा, “पवित्रात्मा ग्रहण करो. 23 यदि तुम किसी के पाप-क्षमा करोगे, उनके पाप-क्षमा किए गए हैं और जिनके पाप तुम क्षमा नहीं करोगे, वे अपने पापों में बँधे रहेंगे.”

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