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मैं तुमसे कहता हूँ, इसी प्रकार किसी एक मन फिराने वाले पापी के लिये, उन निन्यानबे धर्मी पुरुषों से, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं है, स्वर्ग में कहीं अधिक आनन्द मनाया जाएगा।

“या सोचो कोई औरत है जिसके पास दस चाँदी के सिक्के हैं और उसका एक सिक्का खो जाता है तो क्या वह दीपक जला कर घर को तब तक नहीं बुहारती रहेगी और सावधानी से नहीं खोजती रहेगी जब तक कि वह उसे मिल न जाये? और जब वह उसे पा लेती है तो अपने मित्रों और पड़ोसियों को पास बुला कर कहती है, ‘मेरे साथ आनन्द मनाओ क्योंकि मेरा सिक्का जो खो गया था, मिल गया है।’

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