Add parallel Print Page Options

प्रभु ने कहा, “यदि तुममें सरसों के दाने जितना भी विश्वास होता तो तुम इस शहतूत के पेड़ से कह सकते ‘उखड़ जा और समुद्र में जा लग।’ और वह तुम्हारी बात मान लेता।

उत्तम सेवक बनो

“मान लो तुममें से किसी के पास एक दास है जो हल चलाता या भेड़ों को चराता है। वह जब खेत से लौट कर आये तो क्या उसका स्वामी उससे कहेगा, ‘तुरन्त आ और खाना खाने को बैठ जा?’ किन्तु बजाय इसके क्या वह उससे यह नहीं कहेगा, ‘मेरा भोजन तैयार कर, अपने वस्त्र पहन और जब तक मैं खा-पी न लूँ, मेरी सेवा कर; तब इसके बाद तू भी खा पी सकता है?’

Read full chapter