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31 “या ऐसा कौन राजा होगा, जो दूसरे पर आक्रमण करने के पहले यह विचार न करेगा कि वह अपने दस हज़ार सैनिकों के साथ अपने विरुद्ध बीस हज़ार की सेना से टक्कर लेने में समर्थ है भी या नहीं? 32 यदि नहीं, तो जब शत्रु-सेना दूर ही है, वह अपने दूतों को भेज कर उसके सामने शान्ति-प्रस्ताव रखेगा. 33 इसी प्रकार तुममें से कोई भी मेरा चेला नहीं हो सकता यदि वह अपना सब कुछ त्याग न कर दे.

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