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16 वह सूअरों के चारे से ही अपना पेट भरने के लिए तरस जाता था. कोई भी उसे खाने के लिए कुछ नहीं देता था.

17 “अपनी परिस्थिति के बारे में होश में आने पर वह विचार करने लगा: ‘मेरे पिता के कितने ही सेवकों को अधिक मात्रा में भोजन उपलब्ध है और यहाँ मैं भूखा मर रहा हूँ! 18 मैं लौट कर अपने पिता के पास जाऊँगा और उनसे कहूँगा: पिताजी! मैंने वह, जो स्वर्ग में हैं, उनके विरुद्ध तथा आपके विरुद्ध पाप किया है.

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