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“‘3,000 लीटर तेल,’ उसने उत्तर दिया. भण्ड़ारी ने उससे कहा, ‘लो, यह है तुम्हारा बही खाता. तुरन्त बैठ कर इसमें 1,500 लिख दो.’

“तब उसने दूसरे को बुलाया उससे पूछा, ‘तुम पर कितना कर्ज़ है?’

“‘30 टन गेहूं.’ भण्ड़ारी ने कहा, ‘अपना बही खाता ले कर उसमें 24 लिख दो.’

“स्वामी ने इस ठग भण्ड़ारी की इस चतुराई भरी योजना की सराहना की: सांसारिक लोग ज्योति की सन्तान की तुलना में अपने जैसे लोगों के साथ अपने आचार-व्यवहार में कितने अधिक चतुर हैं!

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