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22 इसलिए मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुमने जो कुछ सुना और देखा है उसकी सूचना योहन को दे दो: अंधे दृष्टि पा रहे हैं, अपंग चल रहे हैं, कोढ़ी शुद्ध होते जा रहे हैं, बहिरे सुनने लगे हैं, मृतक जीवित किए जा रहे हैं तथा कंगालों में सुसमाचार का प्रचार किया जा रहा है. 23 धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर नहीं खाता है.”

24 योहन का सन्देश लानेवालों के विदा होने के बाद मसीह येशु ने भीड़ से योहन के विषय में कहना प्रारम्भ किया, “तुम्हारी आशा जंगल में क्या देखने की थी? हवा में हिलते हुए सरकण्डे को?

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