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23 धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर नहीं खाता है.”

24 योहन का सन्देश लानेवालों के विदा होने के बाद मसीह येशु ने भीड़ से योहन के विषय में कहना प्रारम्भ किया, “तुम्हारी आशा जंगल में क्या देखने की थी? हवा में हिलते हुए सरकण्डे को? 25 यदि यह नहीं तो फिर? कीमती वस्त्र पहने हुए व्यक्ति को? सुनो! जो ऐसे वस्त्र पहनते हैं, उनका निवास राजमहलों में होता है.

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