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28 सच तो यह है कि प्राकृतिक रूप से जन्मे हुओं में कोई भी ऐसा मनुष्य नहीं, जो योहन से बढ़कर हो. फिर भी, परमेश्वर के राज्य में छोटे से छोटा भी योहन से बढ़कर है.”

29 जब सभी लोगों ने, यहाँ तक कि चुँगी लेनेवालों ने, मसीह येशु के वचन, सुने तो उन्होंने योहन का बपतिस्मा लेने के द्वारा यह स्वीकार किया कि परमेश्वर की योजना सही है. 30 किन्तु फ़रीसियों और शास्त्रियों ने बपतिस्मा न ले कर उनके लिए तय परमेश्वर के उद्देश्य को अस्वीकार कर दिया.

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