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मसीह येशु के विषय में मालूम होने पर सेनापति ने कुछ वरिष्ठ यहूदियों को मसीह येशु के पास इस विनती के साथ भेजा, कि वह आ कर उसके सेवक को चँगा करें. उन्होंने मसीह येशु के पास आ कर उनसे विनती कर कहा, “यह सेनापति निश्चय ही आपकी इस दया का पात्र है क्योंकि उसे हमारे राष्ट्र से प्रेम है तथा उसने हमारे लिए सभागृह भी बनाया है.”

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