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33 बपतिस्मा देने वाले योहन रोटी नहीं खाते थे और दाखरस का सेवन भी नहीं करते थे इसलिए तुमने घोषित कर दिया, ‘उसमें प्रेत का वास है.’ 34 मनुष्य के पुत्र का आहार सामान्य है इसलिए तुमने घोषित कर दिया, ‘अरे, वह तो पेटू और पियक्कड़ है! वह तो चुँगी लेनेवालों तथा अपराधियों का मित्र है!’ 35 फिर भी ज्ञान की सच्चाई उसकी सभी सन्तानों द्वारा प्रकट की गई है.”

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