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34 सातवें दिन याजक को रोगी को देखना चाहिए। यदि रोग चर्म मे नहीं फैला है और यह चर्म से गहरा नहीं मालूम होता है तो याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति शुद्ध है। व्यक्ति को अपने वस्त्र धोने चाहिए तथा शुद्ध हो जाना चाहिए। 35 किन्तु यदि व्यक्ति के शुद्ध हो जाने के बाद चर्म में रोग फैलता है 36 तो याजक को फिर व्यक्ति को देखना चाहिए। यदि रोग चर्म में फैला है तो याजक को पीले बालों को देखने की आवश्यकता नहीं है, व्यक्ति अशुद्ध है।

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