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45 यदि किसी व्यक्ति को भयानक चर्मरोग हो तो उस ब्यक्ति को अन्य लोगों को सावधान करना चाहिए। उस व्यक्ति को जोर से ‘अशुद्ध! अशुद्ध!’ कहना चाहिए, उस व्यक्ति के वस्त्रों को, सिलाई से फाड़ देना चाहिए उस व्यक्ति को, अपने बालों को सँवारना नहीं चाहिए और उस व्यक्ति को अपना मुख ढकना चाहिए। 46 जो व्यक्ति अशुद्ध होगा उसमें छूत का रोग सदा रहेगा। वह व्यक्ति अशुद्ध है। उसे अकेले रहना चाहिए। उनका निवास डेरे से बाहर होना चाहिए।

47-48 “कुछ वस्त्रों पर फफूँदी लग सकती है। वस्त्र सन का या ऊनी हो सकता है। वस्त्र बुना हुआ या कढ़ा हुआ हो सकता है। फफूँदी किसी चमड़े या चमड़े से बनी किसी चीज पर हो सकती है।

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