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10 “आठवें दिन उस व्यक्ति को दो नर मेमने लेने चाहिए जिनमें कोई दोष न हो। उसे एक वर्ष की एक मादा मेमना भी लेनी चाहिए जिसमें कोई दोष न हो। उसे छ: र्क्वाट[a] तेल मिला उत्तम महीन आटा लेना चाहिए। यह आटा अन्नबलि के लिए है। व्यक्ति को दो तिहाई पिन्ट[b] जैतून का तेल लेना चाहिए। 11 (याजक को घोषणा करनी चाहिए कि वह व्यक्ति शुद्ध है।) याजक को उस व्यक्ति और उसकी बलि को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सामने लाना चाहिए। 12 याजक नर मेमनों में से एक को दोषबलि के रूप में चढ़ाएगा। वह उस मेमनों और उस तेल को यहोवा के सामने उत्तोलन बलि के रूप में चढ़ाएगा।

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Footnotes

  1. 14:10 छ: र्क्वाट 3/10 एपा।
  2. 14:10 दो तिहाई पिन्ट “एक लोज”।