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13 तब याजक नर मेमने को उसी पवित्र स्थान पर मारेगा जहाँ वे पापबलि और होमबलि को मारते हैं। दोषबलि, पापबलि के समान है। यह याजक की है। यह अत्यन्त पवित्र है।

14 “याजक दोषबलि का कुछ खून लेगा और फिर याजक इसमें से कुछ खून शुद्ध किये जाने वाले व्यक्ति के दाएँ कान के निचले सिरे पर लागएगा। याजक कुछ खून उस व्यक्ति के हाथ के दाएँ अंगूठे और दाएँ पैर के अंगूठे पर लगाएगा। 15 याजक कुछ तेल भी लेगा और अपनी बाँयी हथेली पर डालेगा।

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