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23 किन्तु तुम्हें वह चीज़ें करनी चाहिए जिसे करने के लिए तुमने कहा है कि तुम करोगे। जब तुम स्वतन्त्रता से यहोवा अपने परमेश्वर को वचन दो तो, तुम्हें वचन दी गई बात पूरी करनी चाहिए!

24 “यदि तुम दूसरे व्यक्ति के अंगूर के बाग से होकर जाते हो, तो तुम जितने चाहो उतने अंगूर खा सकते हो। किन्तु तुम कोई अंगूर अपनी टोकरी में नहीं रख सकते। 25 जब तुम दूसरे की पकी अन्न की फसल के खेत से होकर जा रहे हो तो तुम अपने हाथ से जितना उखाड़ा, खा सकते हो। किन्तु तुम हँसिये का उपयोग दूसरे के अन्न को काटने और लेने के लिए नहीं कर सकते।

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