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28 “इस्राएल के शत्रु मूर्ख राष्ट्र हैं
    वे समझ न पाते कुछ भी।
29 यदि शत्रु समझदार होत
    तो इसे समझ पाते,
    और देखते अपना अन्त भविष्य में
30 एक कैसे पीछा करता सहस्र को?
    कैसे दो भगा देते दस सहस्र को?
यह तब होता जब शैल
    यहोवा देता उनको,
उनके शत्रुओं को, और परमेश्वर उन्हें
    बेचता गुलामों सा।

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