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36 “यहोवा न्याय करेगा अपने जन का।
    वे उसके सेवक हैं, वह दयालु होगा।
वह उसके बल को मिटा देगा
    वह उन सभी स्वतन्त्र
    और दासों को होता देखेगा असहाय।
37 पूछेगा वह तब,
    ‘लोगों के देवता कहाँ हैं?
    वह है चट्टान कहाँ, जिसकी शरण गए वे?
38 लोगों के ये देव, बलि की चर्बी खाते थे,
    और पीते थे मदिरा, मदिरा की भेंट की।
अतः उठें ये देव, मदद करें तेरी करें
    तुम्हारी ये रक्षा!

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