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योहवा की विरासत है उसके लोग;
    याकूब (इस्राएल) यहोवा का अपना है।

10 “यहोवा ने याकूब (इस्राएल) को पाया मरू में,
    सप्त, झंझा—स्वरित उजड़ मरुभूमि में
योहवा ने याकूब को लिया अंक में, रक्षा की उसकी,
    यहोवा ने रक्षा की, मानों वह आँखों की पुतली हो।
11 यहोवा ने फैलाए पर, उठा लिया इस्राएलियों को,
    उस उकाब—सा जो जागा हो अपनी नीड़ में,
और उड़ता हो अपने बच्चे के ऊपर,
    उनको लाया यहोवा अपने पंखों पर।

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