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28 ऐसे इस्राएल रक्षित रहता है जो केवल
    याकूब का जलस्रोत धरती में सुरिक्षत है।
अन्न और दाखमधु की सुभूमि में हाँ
    उसका स्वर्ग वहाँ हिम—बिन्दु भेजता।
29 इस्राएलियो, तुम आशीषित हो यहोवा रक्षित राष्ट्र तुम,
    न कोई तुम सम अन्य राष्ट्र।
यहोवा है तलवार विजय[a]
    तुम्हारी करने वाली।
तेरे शत्रु सभी तुझसे डरेगें,
    और तुम रौंद दोगे उनके झूठे देवों की जगहों को।”

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Footnotes

  1. 33:29 विजय शाब्दिक, “महामहिमता।”