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19 “कोई चीज मत चुराओ।

20 “दूसरों ने जो कुछ किया है उसके बारे में झूठ मत बोलो।

21 “तुम दूसरों की चीजों को अपना बनाने की इच्छा न करो। दूसरे व्यक्ति की पत्नी, घर, खेत, पुरुष या स्त्री सेवक, गाये और गधे को लेने की इच्छा तुम्हें नहीं करनी चाहिए।”

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