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मैं खजूर के पेड़ पर चढ़ूँगा,
    मैं इसकी शाखाओं को पकड़ूँगा,

तू अपने उरोजों को अंगूर के गुच्छों सा बनने दे।
    तेरी श्वास की गंध सेब की सुवास सी है।
तेरा मुख उत्तम दाखमधु सा हो,
    जो धीरे से मेरे प्रणय के लिये नीचे उतरती हो,
    जो धीरे से निद्रा में अलसित लोगों के होंठो तक बहती हो।

स्त्री के वचन पुरुष के प्रति

10 मैं अपने प्रियतम की हूँ
    और वह मुझे चाहता है।

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