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तेरा मुख उत्तम दाखमधु सा हो,
    जो धीरे से मेरे प्रणय के लिये नीचे उतरती हो,
    जो धीरे से निद्रा में अलसित लोगों के होंठो तक बहती हो।

स्त्री के वचन पुरुष के प्रति

10 मैं अपने प्रियतम की हूँ
    और वह मुझे चाहता है।
11 आ, मेरे प्रियतम, आ!
    हम खेतों में निकल चलें
    हम गावों में रात बिताये।

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