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पुरुष का वचन

11 बाल्हामोन में सुलैमान का अगूंर का उपवनथा।
    उसने अपने बाग को रखवाली के लिए दे दिया।
हर रखवाला उसके फलों के बदले में चाँदी के एक हजार शेकेल लाता था।

12 किन्तु सुलैसान, मेरा अपना अंगूर का बाग मेरे लिये है।
हे सुलैमान, मेरे चाँदी के एक हजार शेकेल सब तू ही रख ले,
    और ये दो सौ शेकेल उन लोगों के लिये हैं
जो खेतों में फलों की रखवाली करते हैं!

पुरुष का वचन स्त्री के प्रति

13 तू जो बागों में रहती है,
    तेरी ध्वनि मित्र जन सुन रहे हैं।
तू मुझे भी उसको सुनने दे!

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