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सभोपदेशक 2:1-2
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
सभोपदेशक 2:1-2
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
क्या “मनो—विनोद” से सच्चा आनन्द मिलता है?
2 मैंने अपने मन में कहा, “मुझे मनो विनोद करना चाहिए। मुझे हर वस्तु का जितना रस मैं ले सकूँ, उतना लेना चाहिय।” किन्तु मैंने जाना कि यह भी व्यर्थ है। 2 हर समय हँसते रहना भी मूर्खता है। मनो विनोद से मेरा कोई भला नहीं हो सका।
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Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International