Add parallel Print Page Options

वे सभी बस युद्ध के भूखे होंगे। उनकी सेनाएँ मरूस्थल की हवाओं की तरह नाक की सीध में आगे बढ़ेंगी। बाबुल के सैनिक अनगिनत लोगों को बंदी बनाकर ले जायेंगे। उनकी संख्या इतनी बड़ी होगी जितनी रेत के कणों की होती है।

10 “बाबुल के सैनिक दूसरे देशों के राजाओं की हँसी उड़ायेंगे। दूसरे देशों के राजा उनके लिए चुटकुले बन जायेंगे। बाबुल के सैनिक ऊँचे सुदृढ़ परकोटे वाले नगरों पर हँसेंगे। वे सैनिक उन अन्धे परकोटों पर मिट्टी के दमदमे बांध कर उन नगरों को सरलता से हरा देंगे। 11 फिर वे दूसरे स्थानों पर युद्ध के लिये उन स्थानों को छोड़ कर ऐसे ही आगे बढ़ जायेंगे जैसे आंधी आती है और आगे बढ़ जाती है। बाबुल के वे लोग बस अपनी शक्ति को ही पूजेंगे।”

Read full chapter