Add parallel Print Page Options

11 सूर्य और चाँद ने अपना प्रकाश त्याग दिया।
    उन्होंने जब तेरी भव्य बिजली की कौंधों को देखा, तो चमकना छोड़ दिया।
    वे बिजलियाँ ऐसी थी जैसे भाले हों और जैसे हवा में छुटे हुए तीर हों।
12 क्रोध में तूने धरती को पाँव तले रौंद दिया
    और देशों को दण्डित किया।
13 तू ही अपने लोगों को बचाने आया था।
    तू ही अपने चुने राजा को विजय की राह दिखाने को आया था।
तूने प्रदेश के हर बुरे परिवार का मुखिया,
    साधारण जन से लेकर अति महत्वपूर्ण व्यक्ति तक मार दिया।

Read full chapter