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10 कहाँ है तेरा राजा तेरे सभी नगरों में वह तुझे नहीं बचा सकता है! कहाँ है तेरे न्यायाधीश तूने उनसे यह कहते हुए याचना की थी, ‘मुझे एक राजा और अनेक प्रमुख दो।’ 11 मैं क्रोधित हुआ और मैंने तुम्हें एक राजा दे दिया। मैं और अधिक क्रोधित हुआ और मैंने तुमसे उसे छीन लिया।

12 “एप्रैम ने निज अपराध छिपाने का जतन किया;
    उसने सोचा था कि उसके पाप गुप्त हैं।
    किन्तु उन बातों के लिये उसको दण्ड दिया जायेगा।

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