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12 “एप्रैम ने निज अपराध छिपाने का जतन किया;
    उसने सोचा था कि उसके पाप गुप्त हैं।
    किन्तु उन बातों के लिये उसको दण्ड दिया जायेगा।
13 उसका दण्ड ऐसा होगा जैसे कोई स्त्री प्रसव पीड़ा भोगती है;
    किन्तु वह पुत्र बुद्धिमान नहीं होगा
उसकी जन्म की बेला आयेगी
    किन्तु वह पुत्र बच नहीं पायेगा।

14 “क्या मैं उन्हें कब्र की शक्ति से बचा लूँ?
    क्या मैं उनको मृत्यु से मुक्त करा लूँ?
हे मृत्यु, कहाँ है तेरी व्याधियाँ?
    हे कब्र, तेरी शक्ति कहाँ है?
    मेरी दृष्टी से करूणा छिपा रहेगी!

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