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13 “वह बाल की सेवा किया करती थी, इसलिये मैं उसे दण्ड दूँगा। वह बाल देवताओं के आगे धूप जलाया करती थी। वह आभूषणों से सजती और नथ पहना करती थी। फिर वह अपने प्रेमियों के पास जाया करती और मुझे भूल जाती।” यहोवा ने यह कहा था।

14 “इसलिये मैं (यहोवा) उसकी मनुहार करूँगा। मैं उसे रेगिस्तान में ले जाऊँगा। मैं उसके साथ दयापूर्वक बाते करूँगा। 15 वहाँ मैं उसे अंगूर के बगीचे दूँगा। आशा के द्वार के रूप में मैं उसे आकोर की घाटी दे दूँगा। फिर वह मुझे उसी प्रकार उत्तर देगी जैसे उस समय दिया करती थी, जव वह मिस्र से बाहर आयी थी।”

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