Add parallel Print Page Options

14 “इसलिये मैं (यहोवा) उसकी मनुहार करूँगा। मैं उसे रेगिस्तान में ले जाऊँगा। मैं उसके साथ दयापूर्वक बाते करूँगा। 15 वहाँ मैं उसे अंगूर के बगीचे दूँगा। आशा के द्वार के रूप में मैं उसे आकोर की घाटी दे दूँगा। फिर वह मुझे उसी प्रकार उत्तर देगी जैसे उस समय दिया करती थी, जव वह मिस्र से बाहर आयी थी।” 16 यहोवा ने यह बताया है।

“उस अवसर पर, तू मुझे ‘मेरा पति’ कह कर पुकारेगी। तब तू मुझे ‘मेरे बाल’ नहीं कहेगी।

Read full chapter