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उनकी माँ ने वेश्या का सा आचरण किया है। उनकी माँ को, जो काम उसने किये हैं, उनके लिये लज्जित होना चाहिये। उसने कहा था, ‘मैं अपने प्रेमियों के पास चली जाऊँगी। मेरे प्रेमी मुझे खाने और पीने को देते हैं। वे मुझे ऊन और सन देते हैं। वे मुझे दाखमधु और जैतून का तेल देते हैं।’

“इसलिये, मैं (यहोवा) तेरी (इस्राएल) राह काँटों से भर दूँगा। मैं एक दीवार खड़ी कर दूँगा। जिससे उसे अपना रास्ता ही नहीं मिल पायेगा। वह अपने प्रेमियों के पीछे भागेगी किन्तु वह उन्हें प्राप्त नही कर सकेगी। वह अपने प्रेमियों को ढूँढ़ती फिरेगी किन्तु उन्हे ढूँढ़ नहीं पायेगी। फिर वह कहेगी, ‘मैं अपने पहले पति (परमेश्वर) के पास लौट जाऊँगी। जब मैं उसके साथ थी, मेरी जीवन बहुत अच्छा था। आज की अपेक्षा, उन दिनों मेरा जीवन अधिक सुखी था।’

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