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इसलिये यह देश ऐसा हो गया है जैसा किसी की मृत्यु के ऊपर रोता हुआ कोई व्यक्ति हो। यहाँ के सभी लोग दुर्बल हो गये हैं। यहाँ तक कि जंगल के पशु, आकाश के पक्षी और सागर की मछलियाँ मर रही हैं। किसी एक व्यक्ति को किसी दूसरे पर न तो कोई अभियोग लगाना चाहिये और न ही कोई दोष मढ़ना चाहिये। हे याजक, मेरा तर्क तुम्हारे विरूद्ध है! हे याजकों, तुम्हारा पतन दिन के समय होगा और रात के समय तुम्हारे साथ नबी का भी पतन हो जायेगा और मैं तुम्हारी माता को नष्ट कर दूँगा।

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