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11 एप्रैम दण्ड़ित किया जायेगा,
    उसे कुचला और मसला जायेगा जैसे अंगूर कुचले जाते हैं।
    क्योंकि उसने निकम्मे का अनुसरण करने का निश्चय किया था।
12 मैं एप्रैम को ऐसे नष्ट कर दूँगा जैसे कोई कीड़ा किसी कपड़े के टुकड़े को बिगाड़े।
    यहूदा को मैं वैसे नष्ट कर दूँगा जैसे सड़ाहट किसी लकड़ी के टुकड़े को बिगाड़े।
13 एप्रैम अपना रोग देख कर और यहूदा अपना घाव देख कर
    अश्शुर की शरण पहुँचेंगे।
उन्होने अपनी समस्याएँ उस महान राजा को बतायी थी।
    किन्तु वह राजा तुझे चंगा नहीं कर सकता, वह तेरे घाव को नहीं भर सकता है।

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