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13 हालांकि पहले मैं परमेश्वर की निन्दा करनेवाला था, अत्याचारी तथा अधर्मी था किन्तु मुझ पर कृपा की गई क्योंकि अपनी अज्ञानता में उनमें अविश्वास के कारण मैंने यह सब किया था. 14 मसीह येशु में हमारे प्रभु का बहुत अधिक अनुग्रह विश्वास और प्रेम के साथ मुझ पर हुआ.

15 यह बात सच है, जो हर प्रकार से मानने योग्य है: मसीह येशु पापियों के उद्धार के लिए संसार में आए. इनमें सबसे ज़्यादा पापी मैं हूँ.

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