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14 इसलिए मैं चाहता हूँ कि कम आयु की विधवाएँ विवाह करें, सन्तान उत्पन्न करें, गृहस्थी सम्भालें तथा विरोधियों को निन्दा का कोई अवसर न दें. 15 कुछ हैं, जो पहले ही मुड़कर शैतान की शिष्य बन चुकी हैं.

16 यदि किसी विश्वासी परिवार में आश्रित विधवाएँ हैं तो वही उसकी सहायता करे कि उसका बोझ कलीसिया पर न पड़े, कि कलीसिया ऐसों की सहायता कर सके, जो वास्तव में असमर्थ हैं.

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