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इसी प्रकार स्त्रियों से भी मैं यह चाहता हूँ कि वे सीधी-साधी वेश-भूषा में शालीनता और आत्म-नियन्त्रण के साथ रहें। अपने आप को सजाने सँवारने के लिए वे केशों की वेणियाँ न सजायें तथा सोने, मोतियों और बहुमूल्य वस्त्रों से श्रृंगार न करें 10 बल्कि ऐसी स्त्रियों को जो अपने आप को परमेश्वर की उपासिका मानती है, उनके लिए उचित यह है कि वे स्वयं को उत्तम कार्यों से सजायें।

11 एक स्त्री को चाहिए कि वह शांत भाव से समग्र समर्पण के साथ शिक्षा ग्रहण करे।

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